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आदिवासियों की हुंकार रैली

जल जंगल ज़मीन के अधिकार पर भोपाल में जुटे आदिवासी संघ


जल, जंगल, जमीन के अधिकार को लेकर हुंकार यात्रा में जुटे प्रदेश के आदिवासी
भोपाल। प्रदेश भर के आदिवासी संगठनों ने आज भोपाल आदिवासी अधिकार हुंकार यात्रा के माध्यम से आदिवासियों के साथ होने वाले अन्याय के खिलाफ वादा निभाओ रैली का आयोजन कर के भेल दशहरा मैदान पर विशाल सभा का आयोजन किया। इस दौरान अलग अलग प्रांतों से आए आदिवासी संगठनों ने सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए कहा कि वनो और जंगलों में सदियों से रहते चले आ रहे आदिवासियों का अधिकार छीना जा रहा है। अब सरकार अपनी मनमानी पर अड़ी है और आदिवासियों को वनों को अतिक्रमणकारी बता रही है। यही कारण है कि उच्चतम न्यायालय ने भी हमारी आवाज को अनसुना कर हमें बेदखली का आदेश दे दिया है, जो हमारे साथ अन्याय है। इस दौरान कुछ नेताओं ने कहा कि भारतीय संविधान व्यवस्था में आदिवासियों के स्वशासन व संरक्षण के लिए पांचवी अनुसूची और पैसा कानून के तहत अलग-अलग प्रावधान की बात जरूर करता है लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि इसके क्रियान्वयन के लिए कोई बात नहीं की जाती। हालांकि आदिवासियों के अन्याय की क्षति पूर्ति के लिए अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकार मान्यता कानून) भी बना, इसमें आदिवासियों को उनकी काबिज जमीन का मलिकाना हक देने की बात कही गई पर आज वर्षों से काबिज आदिवासियों को उनके वनो से बेदखली का भय व्याप्त है। मप्र के आदिवासी जल, जंगल, जमीन बचाओ साझा मंच के बैनर तले आयोजित उक्त रैली में बड़ी संख्या में आदिवासी समुदायों ने सहभागिता की।


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