भोपाल उत्सव मेला को कलियाँसोत पर लगाए जाने का nsui ने किया विरोध
भोपाल। भारतीय कांग्रेस कमेटी, राष्ट्रीय छात्र संगठन के नेतृत्व में आज भोपाल कलेक्टर तरुण पिथौड़े को ज्ञापन सौंपकर भोपाल उत्सव मेला का कलियासोत तालाब के समीप लगाए जाने का विरोध जताया है। सौंपे गए पत्र में पर्यावरण के लिए इसे घातक बताते हुए कहा गया है कि इस मेले से समीप ही बाध विचरण क्षेत्र भी है और इस मेले का आयोजन स्थल एरियल डिस्टेंट बाघ भ्रमण क्षेत्र चंदनपुरा वन से मात्र एक किमी से भी कम है। इसलिए इसकी अनुमति नहीं देनी चाहिए।
सौंपे गए बताया गया है कि विकास प्लान 2005 में विहित प्रावधानों के अनुसार कलियासोत डेम के चारों ओर 200 मीटर का क्षेत्रफल औषधीय वृक्षों हेतु सुरक्षित रहेगा। डेम से लगे मैदान में भोपाल उत्सव मेला आयोजित करने से डेम में मानव जन्य गंदगियां बढ़ेंगी, जो कि वाटर एक्ट 1974 का खुला उल्लंघन है। भोपाल उत्सव मेला आयोजित करने से मानव जन्य गतिविधियों के कारण डेम में उपस्थित लाखों जलीय जीव जंतुओं के स्वास्थ्य पर गंभीर जानलेवा दुष्परिणाम होंगे। 30 डेसीबल से अधिक तीव्रता की ध्वनि से जलचरों में जेनेटिक डिसआर्डर की संभावना बढ़ जाती है। कलियासोत डेम, ईको सेंसिटिव जोन में आता है। अत: एक वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्टेड एरिया में उक्त आयोजक पूर्णत: गैर कानूनी है। इसके अलावा डेम से सटकर एक बड़ा शासकीय आयुर्वेदिक हास्पिटल स्थित है। अत: मेला आयोजन के कारण हॉस्पिटल में इलाज करा रहे गंभीर मरीजों और शिशुओं, बच्चों पर इसका बहुत बुरा असर पड़ेगा। यह एनवायर्नमेंट प्रोटेक्सन एक्ट 1986 में विहित प्रावधानों का उल्लंघन है। पत्र सौंपते हुए प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने कहा है कि यदि मेले की अनुमति दी जाती है तो फिर हमें मजबूरन न्यायालय की शरण लेनी होगी।
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