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कैबीनेट की बैठक के हुए कई अहम प्रस्तावों पर लगी मुहर


भोपाल। जनसंपर्क मंत्री पी सी शर्मा, परिवहन मंत्री गोविन्द राजपूत व स्वास्थ्य मंत्री तुलसीराम सिलावट की संयुक्त साझा प्रेस में  कैबीनेट की बैठक के हुए कई अहम प्रस्तावों पर लगी मुहर। जिले में को-कोला कंपनी के प्लांट को फाइन मुक्त कर दिया गया है, ताकि जल्द प्लांट लग सके। केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड को डेढ़ एकड़ भूमि निशुल्क दी गई है। नेसकॉम एनजीओ के साथ पार्टनरशिप कर सरकारी कामकाज में टेक्नोलॉजी की मदद ली जाएगी। 123 आवासीय एकलव्य विधयलयों का संचालन किया जाएगा। इसके लिए अलग से सोसायटी के गठन किया जाएगा। महात्मा गांधी विश्वविद्यालय और महर्षि विश्वविद्यालय एक्ट में संशोधन किया गया है। राज्य योजना आयोग का नाम बदला गया। कर्मचारियों के लिए आयोग इसमें 4 सदस्य होंगे,झाबुआ लाइब्रेरी के लिए ढाई लाख अप्रूव।


राजस्व मंत्री गोविंद राजपूत ने राजस्व विभाग से सम्बंधित महत्वपूर्ण निर्णयों के बारे में जानकारी दी,ट्राइबल एरिया में रहने वाले सामान्य व्यक्ति अपनी भूमि को 10 साल से पहले डायवर्जन नहीं कर पाते थे। इसके नियमों में तब्दीली की गई है।स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने बताया एमपी के 20 आदिवासी ज़िलों में मेडिकल स्टाफ की कमी दूर करने अब डॉक्टरों के साथ अन्य स्टाफ को आवास,ट्रासंपोर्ट की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। अति पिछड़ा विकास खण्ड और पिछड़ा विकासखण्ड में कार्यरत डॉक्टरों को वेतन के बाद अतिरिक्त अनुदान दिया जाएगा। यह राशि 30 हजार से 70 हजार तक होगी। झाबुआ,डिंडौरी, मंडला, सिंगरौली जैसे जिले पिछड़ा और अतिपिछड़ा वर्ग में शामिल होंगे। स्वास्थ्य निवेश लाने के लिए भी प्रयास किया जा रहा है। महिलाओं को नसबंदी के बाद फर्श पर लिटाने और उचित सुविधाएं न मिलने पर कहा कि 15 साल से सुविधाएं बेहद बिगड़ गयी थी, हम मेडिकल स्टाफ की कमी को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो रही है। एमपी में डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को कम से कम एक साल ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा देनी होगी।


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