संविदा कर्मचारी और निगम मंडलों उपेक्षा
भोपाल।मध्यप्रदेश शासन द्वारा 44 विभागों की समीक्षा बैठक मुख्य सचिव की उपस्थिति में आज से 30 नवंबर तक किया जाना सुनिश्चित किया गया है समीक्षा में प्रदेश के निगम मंडलों को सम्मिलित नहीं किया गया है साथ ही संविदा कर्मचारी को भी सम्मिलित नहीं किया गया है जो निदंनिय है क्योंकि चुनाव पूर्व जो वचन प्रत्र बनाया गया था उस वचन पत्र में निगम मंडल एवं शासन के कर्मचारियों की मांगों का निराकरण किया जाना सुनिश्चित किया गया था परंतु सरकार के एक वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने जा रहा है ! निगम मंडल एवं संविदा कर्मचारी के संबंध में अभी तक कोई उचित पहल दिखाई नहीं दे रही ! कई निगम मंडलों में चौथा वेतनमान तो किसी में पांचवा किसी में छठा और किसी में सांतव साथ सेवानिवृत्ति 58 वर्ष है तो कहीं 60 वर्ष और कहीं 62 वर्ष किसी निगम मंडल में बकाया डीए का भुगतान किया जा चुका है तो किसी में नहीं इस तरह की कई असमानता है जिनको दूर किया जाना वचन पत्र में सुनिश्चित किया गया था और उल्लेखित किया गया था कि जो लाभ शासन के कर्मचारियों को प्राप्त होंगे वह सब ज्यो के त्यो निगम मंडल के कर्मचारियों को प्राप्त होंगे ! परंतु इस पर कोई निर्णय नहीं हालात यह है कि सडक परिवहन निगम जैसी संस्था में कर्मचारियों को 8 माह से वेतन प्राप्त नहीं हो रहा है यह कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति 58वर्ष है और जो वेतन दिया जा रहा है वह भी चौथे वेतनमान के हिसाब से भी समय पर नहींं दिया जा रहा है ! शासन के जिम्मेदारों से सेमी गवर्नमेंट एम्पलाइज फेडरेशन के प्रांत अध्यक्ष अनिल बाजपेई एंव सड़क परिवहन कर्मचारी अधिकारी उत्थान समिति के अध्यक्ष श्याम सुन्दर शर्मा का आग्रह एवं निवेदन है कि जो समीक्षा वचन पत्र की मांगों को पूरी करने के लिए 25 नवंबर से 30 नवंबर तक की जा रही है ! इसमें निगम मंडल के कर्मचारियों तथा संविदा के कर्मचारियों जोड़ा जाए! यदि यह नहीं किया जाता है तो निगम मंडल कर्मचारी व संविदा कर्मचारी एकजुट होकर आंदोलन की रणनीति तय करेंगे !
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