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वक्फ जमीन को सरकारी बनाने की कोशिश में शहर सरकार

 


झूठा हलफनामा, अदालत को गुमराह कर रहे निगम अफसर (नगर निगम)
-वक्फ जमीन को सरकारी बनाने की कोशिश में शहर सरकार
भोपाल ब्यूरो
राजधानी के व्यस्तम मार्ग पर स्थित एक वक्फ कब्रस्तान को कब्जाने में जुटे नगर निगम ने अब झूठ का सहारा लेना शुरू कर दिया है। अपने इस कुत्सित प्रयास में वह अदालत को भी झूठे शपथ पत्र देकर गुमराह करने की कोशिश में जुट गया है। सरकारी दस्तावेजों में जारी कार्यवाहियों को भी दरकिनार कर एक निगम अफसर ने अदालत को इस मामले से अनभिज्ञ होने की बात कही है। मामले को लेकर उठी उथल-पुथल ने इस अधिकारी के अदालत की अवमानना और कानूनी कार्यवाही के हालात बना दिए हैं।
जानकारी के मुताबिक मप्र वक्फ बोर्ड की तौलियत की हमीदिया रोड स्थित करीब 6 एकड़ भूमि को नगर निगम लगातार सरकारी बताते हुए अपनी संपत्ति बताता रहा है। जबकि खसरा नंबर 449, 450 पर स्थित इस जमीन पर नवबहार सब्जी मंडी स्थित है और इसका समस्त रिकार्ड वक्फ बोर्ड में दर्ज है। बावजूद इसके नगर निगम पिछले करीब 40 बरसों से इस मंडी से तहबाजारी वसूल करता रहा है। साथ ही यहां बनाई जाने वाली कमेटियों के पदाधिकारियों के खिलाफ झूठी शिकायतें और अदालती लड़ाई लड़ता रहा है। इस बीच वक्फ प्रबंधन कमेटी द्वारा मामले को लेकर वक्फ अभिकरण में मामला दर्ज कराया गया था। जिसके चलते नगर निगम न तो अदालती कार्यवाहियों में शामिल होने पहुंचा और न ही संपत्ति के अधिकार संबंधी कोई दस्तावेज ही प्रस्तुत कर पाया है। इस स्थिति के चलते वक्फ अभिकरण ने मामले को खारिज करते हुए प्रबंधन कमेटी द्वारा की जा रही कार्यवाही को दुरुस्त करार दिया है।
अब झूठ के सहारे निगम
वक्फ अभिकरण द्वारा मामला खारिज कर देने के बाद निगम ने झूठ का सहारा लेकर अपने जोनल अधिकारी अवध नारायण मकोरिया से झूठा शपथ पत्र दिलवा दिया है। मकोरिया ने अदालत में पेश किए शपथ पत्र में कहा है कि उन्हेंं 30 अक्टूबर 2019 को प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया है और इससे पहले इस प्रकरण से संबंधित कोई जानकारी उन्हें नहीं थी। इस प्रकरण की जानकारी उन्हें उपलब्ध रिकार्ड से प्राप्त हुई है। उन्होंने लिखा है कि अदालत मेंं नगर निगम द्वारा निर्धारित समयावधि में जवाब पेश न कर पाने की वजह उनका पद पर न होना था। उनका कहना है कि इस समयावधि में निगम का यह पद खाली पड़ा हुआ था। उन्होंने शपथ पत्र में कहा है कि अदालत को दी गई समस्त जानकारी सत्य और तथ्यात्मक है।
जबकि हकीकत इसके विपरीत
अदालत से नवबहार सब्जी मंडी मामले में फैसला होने के बाद निगम को अपनी गलती का अहसास हुआ और उसने जोनल अधिकारी का पद खाली होने की बात कहते हुए दोबारा सुनवाई करने की अपील की है। लेकिन दस्तावेजों से यह बात स्पष्ट है कि अवध नारायण मकोरिया इस मामले में लगातार चि_ी-पत्री करते रहे हैं।
-3 सितंबर 2019 को उन्होंने अपने हस्ताक्षर और पदनाम के साथ के नवबहार सब्जी मंडी की दुकान क्रमांक 13/2बी को किराया जमा कराने के लिए पत्र लिखा है।
-28 मई 2019 को उन्होंने विभागीय आदेश भी अपने पदनाम और हस्ताक्षर से जारी किया है।
-मकोरिया ने 28 मई 2019 को थाना हनुमानगंज में नवबहार सब्जी मंडी के एक मामले को लेकर ही एक शिकायत भी दर्ज कराई है।

बरसों से तहबाजारी वसूली कर रहे निगम को अपने हाथों से लाखों रुपए महीना की कमाई जाती हुई दिखाई दे रही है। इसी के चलते वह साम, दाम, दंड, भेद की हर नीति अपनाकर अपना कब्जा बरकरार रखना चाहती है। ऐसे में उसने सरकारी नियमों की अव्हेलना को भी कुबूल कर लिया है। निगम का कहना है कि लंबे समय तक जोनल अधिकारी का पद खाली रहने के चलते वह अदालत में समय पर अपना जवाब पेश नहीं कर पाई। जबकि नियमानुसार किसी विभाग में किसी अधिकारी-कर्मचारी के न होने पर उसका काम प्रभारी द्वारा किए जाने का प्रावधान होता है। इधर इस बात को भी निगम नजरअंदाज कर रहा है कि अदालती मामले में अधिकारी की गैरमौजूदगी में भी उसका काम संबंधित वकील को करना चाहिए था, जो कि न किया जाना अदालत की अवमानना का कारण माना जा सकता है।


इनका कहना 
वक्फ रिकार्ड में दर्ज कब्रस्तान पर जबरिया कब्जा करने की नीयत से नगर निगम लगातार झूठ का सहारा ले रहा है। अदालत के आदेश को चेलेंज करते हुए उसने फिर झूठा शपथ पत्र लगाकर दोबारा सुनवाई की गुजारिश की है, जो पूरी तरह गैरकानूनी और मामले को लटकाए रखने वाली है।
मोहम्मद नईम,
अध्यक्ष, वक्फ प्रबंधन कमेटी, नवबहार सब्जी मंडी


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