-एक पखवाड़े के एक्सपो में दिख रहा राजसी ठाठबांठ
भोपाल ब्यूरो
महिलाओं के सोलह श्रृंगार में शामिल साडिय़ां और इन साडिय़ों में खास मुकाम रखने वाली बंगाली, बनारसी, चंदेरी और महेश्वरी कला के नमूने, यह सब एक ही ही मुकाम पर दिखाई भी दे रहे हैं और यहां आने वाले ग्राहकों को अपनी तरफ आकर्षित भी कर रहे हैं। एक पखवाड़े के इस जमावड़े में बंगाल, उड़ीसा, उप्र, कर्नाटक, राजस्थान, काश्मीर, बिहार, मप्र आदि प्रदेशों के बुनकरों की नायाब कला मौजूद है। कलाकारों को एक बिक्री मंच देने और ग्राहकों को आसान खरीदी का मौका देने के मकसद से सजाए इस एक्सपो को खासकर शादी, ब्याह और विशेष त्यौहारी मौकों पर इस्तेमाल किए जाने वाले परिधान की थीम पर तैयार किया गया है।
राजधानी के भोपाल हाट पर 24 फरवरी तक जारी रहने वाले इस एक्सपो का आयोजन विकास आयुक्त (हाथकरघा) द्वारा किया गया है। स्थानीय स्तर पर इसको संत रविदास मप्र हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम सहयोग कर रहा है। कार्यक्रम का आगाज गरिमामय आयोजन के दौरान करते हुए वरिष्ठ पत्रकार अरुण दीक्षित ने कहा कि मशीनी युग में परंपरागत वस्त्रों से लेकर सजावट सामान तक का उपयोग कम हो गया है। ऐसे में कलाकारों को उनकी मेहनत का जायज मुनाफा और उनकी कला का उचित सम्मान दिलाए जाने वाला यह प्रयास सराहनीय है। इस मौके पर एक्सपो के प्रभारी अशोक निगम ने कहा कि एक्सपो को आधुनिक फैशन से जोड़ा गया है। साथ ही इन कलाओं में प्रदेश की सांस्कृतिक, पुरातात्विक और धार्मिक धरोहर को उकेरने के प्रयास किए गए हैं। उन्होंने कहा कि ग्राहक और उत्पादक दोनों के लिए फायदे का सौदा खड़ा करने के लिए इस मेले का आयोजन किया गया है।
खाना-पीना, गाना-बजाना
24 फरवरी तक हरदिन दोपहर दो से रात 9 बजे तक खुले रहने वाले एक्सपो के दौरान हर शाम सांस्कृतिक आयोजन की प्रस्तुति भी दी जा रही है। देश के विभिन्न प्रदेशों से आए कलाकारों की संगीतमयी सुरीली प्रस्तुतियां सुनकर यहां आने वाले ग्राहक उत्साहित भी हो रहे हैं और आकर्षित भी। इसके अलावा यहां देशभर के कई प्रसिद्ध जायकों का समागम भी दिखाई दे रहा है। यहां फूड स्टॉल में कई तरह के व्यंजन लोगों को लुभा रहे हैं।
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