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-एक्सपो में मिलेगा रॉयल हेरिटेज कलेक्शन, शुरूआत कल से


फैशन में दिखाई देगी प्रदेश की सांस्कृतिक-धार्मिक धरोहर 

भोपाल ब्यूरो
राजसी ठाठ-बाट और रईसी लुक लोगों को हमेशा से लुभाता और आकर्षित करता रहा है। इनको करीब से देखने और अपनाने की चाहत सभी में होती है। शादी-ब्याह से लेकर अपने घर की सजावट तक के वक्त लोग ऐसे परिधान, वस्तुओं और सजावट की वस्तुओं को तरजीह देते हैं। हर आम-ओ-खास की इस पसंद को आसान उपलब्धता कराने के लिए एक पखवाड़े की मौजूदगी के साथ राजधानी में एक्सपो का आयोजन किया जा रहा है।  द रॉयल हेरिटेज कलेक्शन की थीम पर किए जाने वाले इस आयोजन में शहरवासियों को फैशन के नए आयाम के साथ सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर से सजे कई आइटम देखने-खरीदने के लिए सुलभ होंगे।
विकास आयुक्त (हाथकरघा)वस्त्र मंत्रालय के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम की पेशकश राजधानी में संत रविदास मप्र हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम द्वारा किया जा रहा है। 9 फरवरी से भोपाल हाट परिसर में शुरू होने वाला यह एक्सपो ग्राहकों के लिए 24 फरवरी तक सेवाएं देगा। इस मेले को बहुआयामी बनाने के लिए विभिन्न प्रदेशों की कला और संस्कृति को यहां जुटाया जा रहा है। एक्सपो की थीम रॉयल कलेक्शन पर आधारित रखी गई है। जिसमें शादी-ब्याह के समय इस्तेमाल किए जाने वाले राजसी परिधान और घरों की सजावट के लिए उपयोग किए जाने वाले विभिन्न आयटम्स मौजूद रहेंगे। हाथकरघा संचालनालय के आयुक्त सह प्रबंध संचालक राजीव शर्मा ने यह जानकारी शुक्रवार को आयोजित पत्रकारवार्ता के दौरान दी। उन्होंने बताया कि आयोजन का उद्देश्य कलाकारों को बेहतर बाजार उपलब्ध कराना और लोगों को विभिन्न प्रदेशों की कला और संस्कृति से वाकिफ कराना है। उन्होंने बताया कि आयोजन के दौरान दर्जनभर से ज्यादा प्रदेशों के कलाकार और स्व-सहायता समूह अपने श्रेष्ट उत्पादों के साथ मौजूद रहेंगे, जिससे राजधानी के बाशिंदों को कई नई वेरायटियां देखने और खरीदने का मौका मिलेगा।
संगीत लहरियों के साथ खरीदी का आनंद
9 फरवरी से शुरू होने वाले एक्सपो के दौरान भोपाल हाट में हरदिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां होंगी। गीत-संगीत के इन कार्यक्रमों की प्रस्तुति देने के लिए कई प्रदेशों के कलाकार यहां आएंगे। बाजार को रौनक देने के लिए यहां लहंगे, साड़ी, शेरवानी, पगड़ी, टाई आदि यहां उपलब्ध रहेंगे तो घरों की सजावट क लिए रॉयल लुक लिए कई आयटम्स भी यहां मौजूद रहेंगे। फैशन के साथ सांस्कृतिक, पुरातत्विक और धार्मिक महत्व से प्रदेश की पहचान रखने वाले कई स्थान भी इन वस्तुओं पर उकेरे हुए दिखाई देंगे। इनमें सांची के स्तूप से लेकर भेड़ाघाट की संगमरमरी चट्टानें शामिल की गई हैं तो पशुपतिनाथ और मंडलेश्वर के शिवलिंग भी शामिल किए गए हैं। 
कलाकारों को मिले मुनाफा, ग्राहकों को भी हो फायदा
सह प्रबंध संचालक राजीव शर्मा ने कहा कि एक्सपो के जरिये जहां प्रदेश की विभिन्न कलाओं को देश-विदेश में प्रचार देना मकसद है, वहीं प्रदेश के बाशिंदों को अन्य प्रदेशों की कला और संस्कृति से रू-ब-रू कराना भी है। इस दौरान कलाकारों को बिक्री पर दी जाने वाली विभिन्न करों की छूट से उनकी हौसला अफजाई और ज्यादा फायदा पहुंचाने की नीयत है। साथ ही सीधे कलाकारों से ग्राहकों तक वस्तुओं के पहुंचने से बीच की दलाली से निजात पाकर ग्राहक को भी अपनी पसंद की चीज आसान कीमत पर खरीदने की स्थिति में आते हैं। उन्होंने बताया कि हाथकरघा विभाग द्वारा इन वस्तुओं की बिक्री मृगनयनी सहित अन्य स्टॉलों पर भी हमेशा उपलब्ध रहती है। बावजूद इसके एक्सपो और मेले के जरिये उत्पादकों और ग्राहकों को सीधे मुलाकात कराने का एक माध्यम है।


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