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उर्दू अकादमी बचाने के लिए : मंजर ने लिखी सीएम को चिट्ठी,

उर्दू अकादमी बचाने के लिए : मंजर ने लिखी सीएम को चिट्ठी,
 बोले गुनाहगारों को दे सख्त सजा!
भोपाल ब्यूरो
अदब के जानकार और उर्दू अकादमी के इतिहास को करीब से जानने वाले इस बात से अब भी भलीभांति वाकिफ होंगे, जब अंतर्राष्ट्रीय शायर मंजर भोपाली ने बदन पर काला लबादा धारण किया था और देश-दुनिया में मुशायरों के दौरान खामोश विरोध जारी रखा था। मुद्दा मुल्ला रमूजी भवन के नामकरण को लेकर उपजे विवाद से शुरू हुआ था। उनका विरोध कामयाबी के साथ ही खत्म हुआ था और सरकार को उनकी मांग मानते हुए इस भवन को संशोधित करना पड़ा था। शायर मंजर भोपाली एक बार फिर विरोध की तैयारी में नजर आ रहे हैं। इस बार उनका विरोध मप्र उर्दू अकादमी का वजूद बरकरार रखने और इसके आसपास लहरा रहीं साजिशों से निजात दिलाने को लेकर है। अपनी इस मंशा से वाकिफ कराने के लिए उन्होंने प्रदेश के मुखिया कमलनाथ को चि_ी लिखी है। फिलहाल वे काले कपड़ों को अपना हथियार नहीं बना रहे, लेकिन हालात पर जल्दी सुधार और गुनाहगारों को सजा दिलाए जाने के लिए सख्त विरोध की तैयारी में हैं। 
सूत्रों के मुताबिक अंतर्राष्ट्रीय शायर मंजर भोपाली ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को लिखी चि_ी में मप्र उर्दू अकादमी के हालात से अवगत कराते हुए यहां चल रहीं साजिशों का जिक्र किया है। पिछले दिनों अकादमी में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के चित्रों को हटाने के मामले में गहरी साजिश होने की शंका जाहिर की। उन्होंने लिखा है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार को बदनाम करने के लिहाज से यह कदम उठाया गया है। इसके सूत्रधार अकादमी के वह कर्मचारी हैं, जो पिछली भाजपा सरकार के चापलूस अधिकारियों की चाटुकारिता में लगे हुए हैं। भाजपा सरकार के दौरान इन अधिकारियों ने जमकर भ्रष्टाचार भी किया है और प्रदेश अकादमी को बदनाम भी किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि अकादमी के जिस कर्मचारी राहिल को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के फोटो हटाने का कुसूरवार बनाकर आरोपी बनाया गया है, उसे पुलिस रिमांड पर लिया जाना चाहिए, ताकि इस साजिश के पीछे छिपे चेहरों को सामने लाया जा सके। मंजर भोपाली ने कहा है कि राहिल महज एक पियादा है, जो अपने पूर्व अधिकारियों के मोहपाश और दबाव में आकर काम कर रहा है, जबकि असल लड़ाई अकादमी को बदनाम करने, सरकार को घेरे में लाने और यहां नियुक्त किए गए अध्यक्ष और सचिव को अपदास्थ कराने से जुड़ी हुई है। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की तस्वीरें इसी नीयत से हटाई गई थीं कि इससे मप्र उर्दू अकादमी में पदस्थ किए गए कांग्रेस के पुराने लीडर डॉ. अजीज कुरैशी के सहारे कांग्रेस को कटघरे में खड़ा किया जा सके। साथ ही चंद माह पहले यहां पदस्थ किए गए सचिव डॉ. हिसामुद्दीन फारुखी को नाकारा और अप्रशासनिक पकड़ वाला करार देकर उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाने के हालात बन जाएं। उन्होंने अकादमी की पूर्व सचिव डॉ नुसरत मेहदी को इस सारे मामले का सूत्रधार करार देते हुए उनसे भी इस मामले में सख्त पूछताछ की मंाग की है। 


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