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विधायक मसूद निकले सड़कों पर, घर-घर लगाए नो एनसीआर-नो एनपीआर के पर्चे


यह देश गांधी के उसूलों से चलेगा, गोड़से की विचारधारा से नहीं!


-विधायक मसूद निकले सड़कों पर, घर-घर लगाए नो एनसीआर-नो एनपीआर के पर्चे
भोपाल ब्यूरो
सीएए-एनसीआर को जारी लड़ाई में गुरूवार को एक कड़ी और जुड़ गई है। विधायक आरिफ मसूद ने घरों-घर जाकर नो एनसीआर-नो एनपीआर के पर्चे चिपकाने की शुरूआत की है। उनका कहना है कि वे शहरभर में हर घर जाकर लोगों को इस बात की समझाइश देंगे कि किसी भी सरकारी अधिकारी-कर्मचारी के मांगने-कहने पर कोई दस्तावेज न दें और अपने घर के बाहर चिपके इस स्लोगन को उन्हें पढ़वा दें। मसूद ने इस अभियान की शुरूआत अपने विधानसभा क्षेत्र के जहांगीराबाद इलाके से की है। मसूद का कहना है कि जन के हक की लड़ाई के लिए वे किसी भी स्तर तक जाएंगे।
विधायक आरिफ मसूद ने गुरूवार देर सुबह जहांगीराबाद से अभियान की शुरूआत की। उन्होंने कहा कि यह देश महात्मा गांधी का है, उन्हीं के उसूलों से यहां राज चलेगा, यहां गोड़से की विचारधारा नहीं चलने वाली। मसूद ने कहा कि वे संविधान बचाने के लिए सड़कों पर निकले हैं और शहर के हर घर तक जाकर लोगों को इस अभियान से जोड़ेंगे। मसूद ने अपने हाथों से लोगों के घरों के सामने नो एनपीआर-नो एनसीआर लिखे पर्च चिपका कर समझाईश दी कि कोई भी सरकारी व्यक्ति आकर उनसे किसी तरह की जानकारी या दस्तावेज तलब करे तो उसे पर्चे की तरफ इशारा कर दें। मसूद ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने खुद इस बात का ऐलान किया है कि मप्र में एनपीआर लागू नहीं होगा और इसके लिए किए गए गजट नोटिफिकेशन को वापस किया जाएगा, बावजूद इसके संघी मानसिकता के अधिकारी अब भी छिपी योजना के तहत अपने काम पर लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे अफसरों को चिन्हित कर इन पर सख्त कार्यवाही की जाना चाहिए। उन्होंने इस बारे में मुख्यमंत्री को भी अवगत कराया है। 
संविधान के सम्मान में आरिफ मसूद मैदान में
जहांगीराबाद से विधायक का काफिला चिकलोद रोड़ की तरफ बढ़ता हुआ चला तो साथ चल रहे लोग नारे लगाते हुए चल रहे थे, संविधान के सम्मान में, आरिफ मसूद मैदान में। मसूद हर घर पर दस्तक देकर वहां मौजूद महिलाओं और पुरुषों को बाहर बुला रहे थे। इस बीच मतदाताओं में मसूद से हाथ मिलाने और पैर छूने की होड़ सी लगी हुई थी। महिलाएं उनकी बातों को गंभीरता से सुनकर इस बात की तस्दीक कर रही थीं कि वे किसी भी हाल में कोई दस्तावेज नहीं दिखाएंगी। मसूद का यह काफिला देर शाम तक इलाके के विभिन्न बाजारों और तंग गलियों में लोगों से मुलाकात करता नजर आया।



51 दिन का हुआ सत्याग्रह
राजधानी के इकबाल मैदान में जारी सत्याग्रह को पूरे 51 दिन हो गए हैं। दो माह की अवधि पूरे कर रहे सत्याग्रह में हरदिन बड़ी तादाद में महिलाएं और पुरुष जमा होकर कानून संशोधन का विरोध दर्ज करा रहे हैं। इस दौरान यहां पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, जेएनयू स्टुडेंट आयषी घोष, वरिष्ठ पत्रकार आरफा खानम, दलित नेता चंद्रशेखर सहित कई बड़े वक्ता अपनी बात रख चुके हैं। इसके अलावा शहर के शायर, बुद्धिजीवी, महिला शायरात, डॉक्टर, वकील, सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग, नागरिक भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराकर विरोध की आवाज उठा रहे हैं।


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