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अदालती मामला छिपाकर, अधिकारियों को गलत तथ्य बता आए वक्फ कर्मचारी

अदालती मामला छिपाकर, अधिकारियों को गलत तथ्य बता आए वक्फ कर्मचारी 
-अदालत ने दे रखा है स्थगन, कमेटी को रोका जा रहा काम से
भोपाल ब्यूरो
मप्र वक्फ बोर्ड के एक कर्मचारी द्वारा नजूल और पुलिस को गलत जानकारी देकर भ्रमित किया जा रहा है। अदालत से मिले स्थगन के बाद भी कमेटी को काम से रोकने की अदालती अवमानना तो इस कर्मचारी द्वारा की जा रही है, साथ ही वक्फ जायदाद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश भी की जा रही है। मामले को लेकर वक्फ प्रबंधन कमेटी ने उक्त कर्मचारी पर अदालत की अवमानना और नियमों की गलत व्याख्या करने की कार्यवाही करने की मांग कर डाली है।
जानकारी के मुताबिक मामला मप्र वक्फ बोर्ड से संबंधित एक वक्फ प्रबंधन कमेटी से जुड़ा है। राजधानी के हमीदिया रोड पर स्थित इस कमेटी को लेकर मप्र राज्य वक्फ अभिकरण द्वारा अपने आदेश क्रमांक 418 दिनांक 17 मई 2019 के तहत स्थगन दिया है। साथ ही इसका मामला फिलहाल विचाराधीन है।  उक्त कमेटी को लेकर मप्र वक्फ बोर्ड द्वारा की गई एक शिकायत पर मौके पर पहुंचे जिला प्रशासन के अधिकारियों को जानकारी मुहैया कराने बोर्ड कर्मचारी मोहम्मद रफी भी पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि उन्होंने कई तथ्यों को छिपाते हुए अधिकारियों को जो जानकारी मुहैया कराई है, उसमें न सिर्फ अदालती मामले की अवमानना हुई है, बल्कि इससे वक्फ अधिनियम की धाराओं भी उल्लंघन किया गया है।
कमेटी ने की शिकायत
वक्फ प्रबंधन कमेटी ने एसडीएम सहित अनेक अधिकारियों को लिखी चि_ी में बोर्ड कर्मचारी मोहम्मद रफी द्वारा किए गए अवमानना और उल्लंघन की शिकायत की है। उन्होंने लिखा है कि वक्फ एक्ट की धारा 67 के मुताबिक किसी भी अदालती विवाद के चलने के दौरान या किसी नई कमेटी के वजूद में आए बगैर पिछली कमेटी को काम करते रहने का अधिकार है। उन्होंने अधिकारियों को गलत जानकारी देने वाले बोर्ड कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की है।

कब्रस्तान पर निगाहें लाल
हमीदिया रोड स्थित वक्फ कब्रस्तान अक्ब इमारत हिन्दू अनाथालय की कई एकड़ जमीन पर लंबे समय से अलग-अलग लोगों और विभागों की नजरें लगी हुई हैं। कोई यहां बड़ी इमारत बनाने का मसौदा तैयार कर लेता है और किसी ने इसका सौदा किसी बड़े कारोबारी को कर रखा है। वक्फ की इस जायदाद को बचाने के लिए लगे कमेटी सदस्यों के खिलाफ भी बार-बार झूठे आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने की कूटनीतियां भी यहां होती रही हैं। अब तक भाजपा शासित निगम परिषद इस जमीन को लेकर अपना आधिपत्य दर्ज कराती रही है, लेकिन कागजी दस्तावेजों से साबित होने के बाद मप्र वक्फ बोर्ड भी इस जमीन के लिए वजूद में आई कमेटी को डिस्टर्ब करने में सतत लगी दिखाई देता रहता है।


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