तादाद बढ़े तो भोपाल से रवाना हो सकते हैं प्रदेश के हाजी
-सेंट्रल हज कमेटी के सीइओ ने भोपाल में किया ऐलान
भोपाल ब्यूरो
प्रदेश के हाजियों को भोपाल से सीधी फ्लाइट के मामले पर कोई राहतभरा फैसला आने की उम्मीद की जा सकती है। इसके लिए इंदौर और भोपाल इंबारकेशन के हाजियों की ज्यादा से ज्यादा तादाद को भोपाल जुटाना होगा। फिलहाल मुंबई और भोपाल से सीधी फ्लाइट में आ रहे किराये के डिफरेंस को कम करने की कवायद तभी हो सकती है, जब यहां से रवाना होने वाले हाजियों की तादाद ज्यादा हो।
सेंट्रल हज कमेटी के सीइओ डॉ. मकबूल अहमद खान ने यह बात सोमवार को प्रदेश हज कमेटी में एक कार्यक्रम के दौरान कही। खान यहां शिक्षा संबंधी एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आए हुए थे। इसी दौरान उनके हज कमेटी पर पहुंचने पर उनका इस्तकबाल किया गया। साथ ही उन्हें प्रदेश के हाजियों को आ रही दिक्कतों से भी रू-ब-रू कराया गया। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आरिफ अकील द्वारा दिए गए ज्ञापन और मांग पत्र पर उन्होंने कहा कि हज किराये में आ रहे डिफरेंस की राशि ऐसी स्थिति में कम हो सकती है, जब यहां से सीधी उड़ान लेने वालों की तादाद बढ़ जाए। उन्होंने इंदौर और भोपाल के इंबारकेशन पाइंट के हजयात्रियों को भोपाल से रवानगी करने की सलाह दी, ताकि ज्यादा यात्रियों की मौजूदगी के चलते हाजियों को आम विमान किराये के साथ मुंबई तक जाने की सहूलियत मिल सके। डॉ. मकसूद ने हज हाउस के पास मौजूद बड़े भवन का इस्तेमाल शैक्षणिक गतिविधियों में करने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि जिस तरह मुंबई हज हाउस में सिविल सर्विसेज की तैयारियों के लिए कोचिंग क्लासेस संचालित की जा रही हैंं, वैसे ही इंतजाम भोपाल हज हाउस पर भी किए जा सकते हैं। उन्होंने इसके लिए बिहार के पटना हज हाउस को भी आधार बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि हज कमेटी के जिम्मेदारों को एक बार पटना हज हाउस का दौरा कर वहां की गतिविधियां देखना चाहिए। हज कमेटी के सीइओ ने प्रदेश हज हाउस के विस्तार के लिए जरूरी राशि जारी करने का आश्वासन भी दिया। मंत्री अकील ने हज हाउस में महिलाओं के लिए अलग इंतजाम करने के लिए करीब तीन करोड़ रुपए की राशि की मांग रखी थी। इस पर सीइओ डॉ. खान ने प्रस्ताव बनाकर देने की सलाह दी है, जिसके मुताबिक जरूरी राशि का इंतजाम करवा दिया जाएगा।
अकील बोले, कोटा इतना हो कि न करना पड़े कुर्रा
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आरिफ अकील ने कहा कि एक समय ऐसा भी था, जब प्रदेश से जितने आवेदन हुआ करते थे, सभी को हज पर जाने का मौका मिल जाया करता था। लेकिन लगातार कम होते कोटे ने हज आवेदकों के सामने मायूसी के हालात बना दिए हैं। सीइओ सेंट्रल हज कमेटी ने वादा किया है कि इस बार कोशिश की जाएगी कि अन्य प्रदेशों से मिलने वाली सीटों में से ज्यादा से ज्यादा मप्र को देने की कोशिश की जाएगी, ताकि कम लोगों को मायूसी हाथ लगे। कार्यक्रम के दौरान शहर मुफ्ती अबुल कलाम, जिला मुतवल्ली कमेटी अध्यक्ष अब्दुल मुगनी, मसाजिद कमेटी अध्यक्ष अब्दुल हफीज, वक्फ बोर्ड प्रशासक
निसार अहमद, हज कमेटी सदस्य आमिर अकील, नाजमा अंसारी, पूर्व पार्षद सरवर खान, शाहिद अली के अलावा जिला हज कमेटी अध्यक्ष और नागरिक मौजूद थे।
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