करोंद मंडी के व्यापारियों मांग
सड़क किनारे बिक रही सब्जियों में मंडी प्रांगण में बिकवाया जाए
भोपाल , सब्जी मंडी में कोरोना वायरस से संक्रमित एक मरीज मिलने के बाद जिला प्रशासन द्वारा थोक फल-सब्जी मंडी को संपूर्ण रूप को लॉकडाउन करने के बाद सब्जी विक्रय की कमान नगर प्रशासन को सौंपी। लेकिन नगर प्रशासन की पुख्ता तैयारी और बिगडै़ल व्यवस्था के चलते सब्जी आपके द्वार पहुंचाने वाले विके्रताओं द्वारा मुनाफाखोरी का रास्ता अख्तियार किया। जिसके बाद जिला प्रशासन को सख्ती बरतते हुए सब्जियों के दाम तय करने पड़े। लेकिन मौजूदा समय में करोंद फल-सब्जी मंडी परिसर में सब्जियों का व्यापार बंद है लेकिन विदिशा रोड, ईंटखेड़ी,ग्यारह मील सहित प्रशासन द्वारा निर्धारित आठ प्वाइंटों पर सब्जियों की, कि भरपूर आवक हो रही है। आलम यह कि टमाटर 10 रुपए किलो बिक रहा है खीरा 5 से 6 रुपए,गिलकी 15 रुपए बिक रही है यही आलम अन्य सब्जियों का है। मगर लॉक डाउन का भरपूर फायदा उठाते हुए खुदरा विके्रता सब्जियों के भाव तय होने के बाद भी मुनाफाखोरी करने में जुटे हुए है।
- थोक व्यापारियों की मांग मंडी बिके किसानी सब्जिया
थोक सब्जी विके्रता कल्याण संघ के पदाधिकारियों ने जिला प्रशासन से मांग की, कि जो शहर के विभिन्न स्थानों में अवैध रूप से सब्जियों की मंडी सड़क किनारे लग रही है उसे करोंद मंडी परिसर लगवाया जाए। इससे सब्जी लेकर पहुंचने वाले किसानों को सब्जियों के उचित तो मिलेगा ही वहीं शहरवासियों को भी सस्ते दाम पर सब्जियों मिल सकेंगे।
- सब्जी खेत में ही अब सडऩे की कगार
कम जमीन में सब्जी लगाकर अपनी आजीविका चलाने वाले छोटे किसान इन दिनों संकट में हैं। लॉकडाउन के पहले उन्होंने खेतों में सब्जी लगा दो दी थी, लेकिन अब पकने के बाद कोई खरीदार नहीं मिल पा रहा हैं। वह भी बाजार जाकर इसे बेच नहीं पा रहे हैं। ऐसे में सब्जी खेत में ही अब सडऩे की कगार पर हैं। ऐसे हाल जिले भर में बनने लगे हैं। ताजा मामला खजूर सड़क, पुराना गांव में निर्मित है। यहां के किसानों की माने तो सब्जी किसान इन दिनों बहुत परेशान हैं। वह रोज खेत में पहुंचते हैं। सब्जी के हाल देखते हैं और वापस चले आते हैं।
- नहीं मिल रहे सब्जियों के खरीदार आड़तियां
सब्जी पूरी तरह पक चुकी हैं, अब जल्द नहींं तोड़कर बेची गई तो खेत में ही सड़ जाएगी। इसकी चिंता किसानों को हैं। किसानों को इस समय खरीदार आड़तियां भी नहीं मिल रहे हैं। जबकि मंडी और बाजार भी पूरी तरह लॉकडाउन में बंद हैं। मिश्रीलाल राजपूत ने बताया कि उन्होंने अपने खेत में गोभी, टमाटर लगाए हुए हैं। गोभी पूरी तक पक चुका हैं। अब दो दिन में नहीं तोड़ा तो खराब होने लगेगा। कीड़े लग गए तो पूरी फसल खराब हो जाएगी। इधर टमाटर पककर पककर लाल हो गया हैं तो अब पौध से झड़कर गिरने लगा हैं। वह इन सब्जियों को फिलहाल तोड़ भी नहीं सकते, क्योंकि कोई खरीदार नहीं है। तोडऩे की वजह से और जल्द सब्जी खराब हो जाएगी।
- सड़ रही सब्जी, हो रहा नुकसान
जिले भर के सैकड़ों गांव में इन दिनों यही स्थिति बनी हुई हैं। लगातार कफ्र्यू होने के अलावा जिलेभर में लॉकडाउन ने इन छोटे सब्जी किसानों को बड़ा नुकसान पहुंचाया हैं। उनकी लागत भी अब सब्जी से नहीं निकल पा रही हैं। ऐसी स्थिति में सब्जी को किसान खेत में लगा रहने दे रहे हैं। जो सड़ रही हैं। इससे किसान परेशान हैं। किसान बताते हैं कि उनकी सब्जी खेत से निकलते ही बाजार में बिक जाया करती थी, जिससे उनका रोजमर्रा का काम चलता था। लेकिन लॉकडाउन ने नोटबंदी से भी खराब स्थिति निर्मित कर दी है। जिससे भरण पोषण और अगली फसल का भी संकट आन खड़ा हुआ हैं। कुछ किसान बीज, मशीनरी, दवा के लिए कर्ज भी लिए हुए थे,जो भी अब अदा करने में असमर्थता जता रहे हैं।
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