अंग्रेज काल का 100 वर्ष पुराना लोगो बदलेगा ओलिंपिक संघ
भोपाल। भारत और चाइना के बीच जारी टे्रडवॉर के बाद स्वदेशी का स्लोगन तेजी से ट्रेंड कर रहा है। ऐसे में भारतीय तेजी से खुद को बदलने की कवायद में लगे हैं। इससे इंडियन ओलिंपिक संघ भी अछूता नहीं। 100 वर्षों से पुराना इंडियन ओलिंपिक संघ का लोगो बदलकर उसने इसे पूरी तरह स्वदेशी करने की कवायद शुरू कर दी है। हालांकि कहा जा रहा है कि इसे ओलिंपिक के आयोजन के मौके पर बदला जाना था। कोरोना संकट के चलते ओलिंपिक के आयोजन को लेकर अभी स्थिति साफ न होने के कारण इसे अब अमल में लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। हाल ही में ओलिंपिक फेडरेशन की एक बैठक के बाद कुछ नए लोगो पर विचार किया गया। बैठक में तय किया गया है कि अंग्रजों के जमाने से चले आ रहे लोगो को बदला जाएगा। इसके लिए कुछ डिजाइन फाइनल भी किए गए हैं। बताया जा रहा है कि इनमें एक लोगों में टीम इंडिया, जबकि दूसरे लोगो में इंडिया का नाम शामिल किया गया है। साथ-साथ इन लोगो पर भारतीय झंडे का तिरंगा भी दर्शाया गया है।
नई पहचान के साथ एथलीट करेंगे भारत का नेतृत्व
ओलिंपिक संघ की नई पहचान और लोगो के संबंध में आईओए अध्यक्ष डॉ. नरिंदर ध्रुव बत्रा और महासचिव राजीव मेहता ने कहा, भारतीय ओलंपिक का नया लोगो हमारे देश की पहचान और खेल में हमारे मूल्यों का प्रतीक है। अब टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व हमारे एथलीट गर्व के साथ विश्व मंच पर नई पहचान के साथ करेंगे।
इनका कहना है
यह लोगो हमें अंग्रेज काल की याद दिलाता था। अब जब भारत आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है ऐसे में जरूरी है कि हर उस पुरानी यादों को हटा दिया जाना चाहिए जिसमें किसी भी तरह की अंग्रेज सरकार की यादें जुड़ी हों। इंडियन ओलिंपिक संघ भी अब इसी तर्ज पर अपना लोगो बदलने की कोशिश कर रहा है।
दिग्विजय सिंह, सदस्य भारतीय ओलिंपिक संघ
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