माल्यार्पण कर बिरसा मुंडा की की जयंती मनाई
भगवान बिरसा मुंडा जी के चित्र पर माल्यर्पण कर पुषपांजलि अर्पित की उनके जीवन पर प्रकाश डाला , युवा राम भील ने बताया कि बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को रांची के खुटी जिले के उलीहातू गांव में हुआ/ उन्होंने ब्रिटिश शासन के अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई थी। किसानों की जमीनों को अंग्रेजों से मुक्त कराकर भूमि का स्वामित्व दिलवाया। लगान माफ कराया। उन्होंने कम आयु में अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे। बिरसा और उनके शिष्यों ने क्षेत्र की अकाल पीड़ित जनता की सहायता करने की ठान रखी थी और यही कारण रहा कि अपने जीवन काल में ही उन्हें एक महापुरुष का दर्जा मिला/ उन्हें लोग "धरती बाबा" के नाम से पुकारा और पूजा करते थे. इस महान पुरुष को देशवासी उनके किए गए कार्यों की बदौलत भगवान मानते हैं हम युवाओं को उनकी जीवनी के बारे में जानने की जरूरत है एवं उनके किए गए कार्यों को समझने की आवश्यकता, बिरसा मुंडा युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत थे। हमें उनकी जीवनी से सीख लेने की आवश्यकता है। जल, जंगल, जमीन के साथ स्वाभिमान और पहचान को बचाने के लिए लड़ते हुए भगवान बिरसा मुंडा ने अपने प्राण की आहूति दे दी थी, भगवान बिरसा ने अन्याय व शोषण के खिलाफ आवाज बुलंद करने एवं संगठित होकर समाज के लिए लड़ने का संदेश दिया है।
इस अवसर समाजसेवी अतुल जगताप,युवा नेता राजू यादव,एलकार राव,कृष्णा शाक्यवार, श्याम भील,युवराज भिलाला, रवि भिलाला, अंकित भिलाला,, शुभम सोनी, गौतम शर्मा, प्रमोद गवली,नीलू गौड़, माईकल शर्मा, कुणाल चौहान, अंकित मेवाडे, हरीश दांगी, राज मेवाडेआदि उपस्थित रहे।
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