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अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाया

 *यौमे अकलियत तो है पर अकलियतों के मसाईल का हल नही*

जमीअत उलमा मध्यप्रदेश ने मनाया अल्पसंख्यक अधिकार दिवस 

अल्पसंख्यको के लिए दिवस तो पर अधिकार और अधिकारी नही*      


   

भोपाल। जमीअत उलमा मध्यप्रदेश ने 18 दिसम्बर को अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के रूप में मनाया। इस मौके पर जमीअत उलमा मध्यप्रदेश की टीम के प्रेस सचिव हाजी मोहम्मद इमरान की अगुवाई में अल्पसंख्यक की चिंता और उनके अधिकारों को अमली जामा पहनाने की मांग मध्यप्रदेश सरकार से की गई। इस मौके पर हाजी इमरान ने कहा की। अल्पसंख्यक अधिकार दिवस ( Minority Rights Day)  18 दिसंबर को मनाया जाता है। सयुंक्त राष्ट्र संघ द्वारा अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों की रक्षा, राष्ट्र निर्माण में योगदान के रूप में चिन्हित कर अल्पसंख्यकों के क्षेत्र विशेष में उनकी भाषा, जाति, धर्म, संस्कृति, परंपरा आदि की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिये मनाया जाता है।

यह दिन 18 दिसंबर 1992 से प्रारंभ हुआ भारत में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय अल्पसंख्यकों से संबंधित मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है तथा अल्पसंख्यक समुदाय के हितों के लिए समग्र नीति के निर्माण, इनकी आयोजना, समन्यव, मूल्यांकन तथा नियामक रूपरेखा तथा नियामक विकास कार्यक्रमों की समीक्षा भी करता है परन्तु हाजी इमरान ने कहा कि अल्पसंख्यक अधिकार दिवस तो है और इसको यौमे अकलियत की तर्ज पर मनाया जाता है पर पूरे मुल्क़ में अकलियतों के मसाईल का हल नही मध्यप्रदेश में मुस्लिम अल्पसंख्यक संस्थाओं का पुनः रूप से गठन तक नही हुआ है ऐसे में अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े मसलों का हल मुमकिन नही हाजी इमरान ने मध्यप्रदेश सरकार से मांग की है कि सर्व प्रथम अल्पसंख्यक संस्थाओं का पुनः रूप से गठन किया जाए मध्यप्रदेश वक़्फ़ बोर्ड,मदरसा बोर्ड,उर्दू एकेडमी, अल्पसंख्यक आयोग, या अन्य कोई भी संस्था जिनका गठन न होना अल्पसंख्यक समुदाय के मसलों को हल करने में बाधा बना हुआ है और इन संस्थाओं में कार्य करने वालों सेवा देने वालों का मासिक वेतन भी महीनों से रुका हुआ है जब इन संस्थाओं में कार्य करने वालों की दुर्दशा बिगड़ी हुई है तो आम मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय के हाल का अंदाज़ा लगया जा सकता है वक़्फ़ बोर्ड से मुस्लिम समाज के कोई हित कार्य नही हो रहे,मदरसा बोर्ड वेतन से वंचित है, जिसकी और ध्यान दिया जाना समय की बड़ी जरूरत है ऐसे में इन संस्थानों का होना न होना अल्पसंख्यक के लिए कोई मायने नही रखता जमीअत उलमा मध्यप्रदेश प्रदेश अध्यक्ष हाजी मोहम्मद हारून साहब के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश सरकार से मांग करती है कि अल्पसंख्यक संस्थाओं की दुर्दशा को सुधारने और उनसे समाज के लिए बनाई गई योजनाओं पर कार्य करने की ज़रूरत है जमीअत उलमा हाजी मोहम्मद इमरान, मोहम्मद कलीम एडवोकेट, मुजाहिद मोहम्मद खान, फईम उद्दीन, इस्माईल बैग आदि ने अल्पसंख्यक संस्थाओं की दुर्दशा को सुधारने की मांग करते हुए कहा कि जल्द ही एक प्रतिनिधि मंडल प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री मोहदय शिवराज सिंह चौहान जी से भेंट कर इन समस्याओं पर ज्ञापन देगा और मुस्लिम अल्पसंख्यक संस्थाओं की दुर्दशा पर ध्यान आकर्षित कराएगा

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