विविध कलानुशासनों की गतिविधियों एवम्
मध्यप्रदेश का सांस्कृतिक वैभव का प्रसारण
भोपाल । मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग की विभिन्न अकादमियों द्वारा कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत बहुविध कलानुशासनों की गतिविधियों पर एकाग्र श्रृंखला 'गमक' का ऑनलाइन प्रसारण सोशल मीडिया प्लेटफोर्म पर किया जा रहा है| श्रृंखला अंतर्गत आज साहित्य अकादमी द्वारा साहित्यिक सांगीतिक प्रस्तुति के अंतर्गत विनीत शुक्ला एवं साथी, इंदौर द्वारा 'यादें बचपन की' एवं सुश्री ज्योत्सना सोहिनी एवं साथी, इंदौर द्वारा नृत्य-नाटिका: मध्यप्रदेश का सांस्कृतिक वैभव का प्रसारण किया गया|
साहित्यिक सांगीतिक प्रस्तुति में विनीत शुक्ला और साथियों ने गायन की शुरुआत जगजीत सिंह की गज़ल वो कागज की कश्ती बारिश का पानी से की, उसके बाद शायर व कवि श्री आलोक श्रीवास्तव की गज़ल "अम्मा"- धूप हुई तो आँचल बनकर कौने-कौने छाई अम्मा, घर का सारा शोर-शराबा सूनापन तन्हाई अम्मा, "बाबूजी"- घर की बुनियादें दीवारें वाम-ओदर थे बाबू जी, सबको बांधे रखने वाला खास हुनर थे बाबू जी, गीतकार रमेश शर्मा, चित्तौड़ का प्रसिद्ध गीत "सब अभी से बदल गया माँ" एवं माँ जगजीत सिंह की गजल- सुनाओ मुझे वो कहानी का गायन किया ।
विनीत के साथ कीबोर्ड पर- योगेश पाठक, तबले पर- जयंत अकोदिया, ऑक्टोपैड पर- रजत याग्निक और गिटार पर- सचिन परमार ने संगत दी|
विनीत शुक्ला विगत पच्चीस वर्षों से सांस्कृतिक मंचो पर सक्रिय हैं आपके आदर्श व मार्गदर्शक श्री जगजीत सिंह रहे। विनीत को नये साहित्यिक रचनाकारों को मंच देना व उनकी रचनाएं संगीतबद्ध करना व गाना रुचिकर लगता है। वर्तमान में यू ट्यूब चैनल के माध्यम से नित्य नई कलम की रचनाएं संगीतबद्ध कर उन्हें स्वर दे रहे हैं|
दूसरी प्रस्तुति ज्योत्सना सोहोनी एवं साथियों द्वारा कथक नृत्य की हुई| जिसमें सर्वप्रथम- शिव वंदना तत्पश्चात पुण्यश्लोक एवं माँ नर्मदा की आराधना करते हुए नर्मदाष्टक की प्रस्तुति दी|
ज्योत्सना के साथ हर्षिता सप्त्पुत्रे, पूर्वी पुराणीक, पर्णीका बोड़स, प्राजक्ता दातार, वंशीका परिहार, सोम्य महाजन, समृद्धि तारे, यशस्वी शर्मा एवं अन्वी कोकजे ने नृत्य में सहभागिता की|
कथक गुरू श्रीमती ज्योत्सना सोहोनी ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इन्दौर से एम.ए., बी.एड. की उपाधी प्राप्त की है। संगीत एवं नृत्य कला आपको विरासत में प्राप्त हुई है। आपने कथक नृत्य की विधिवत शिक्षा गुरु रावजी सर एवं नटराज अरुण कुमार जी से प्राप्त की है। साथ ही आपने खैरागढ़ विश्वविद्यालय से कथक नृत्य में डिग्री प्राप्त की है, आप कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर कथक नृत्य की सफलतम प्रस्तुतीयाँ दे चुकी हैं| श्रीमती ज्योत्सना अनेक नृत्य नाटिकाओं का निर्देशन भी कर चुकी हैं। आप विगत तीस वर्षों से युवाओं को कथक नृत्य का विधिवत प्रशिक्षण दे रही है|
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